चलो आज मिल कर दीवाली मनाएं
चलो आज खुशियों के दीपक जलाएं।
विषमताएं हर कर सरलतायें बांटें
हर एक रास्ते पे भरे शूल छाँटें
चलो फिर से फूलों से रस्ते सजाएं
चलो आज मिल कर दीवाली मनाएं
चलो आज खुशियों के दीपक जलाएं।
हर एक घर के आंगन में फिर राम खेलें
न कोई भी मैया विरह अग्नि झेले
हर एक द्वार घर को अयोध्या बनाएं
चलो आज मिल कर दीवाली मनाएं
चलो आज खुशियों के दीपक जलाएं।
सभी ओर फैला हो अनुपम उजाला
कलुषताओं का मुँह सदा ही हो काला
चलो सद्गुणों की रंगोली लगाएं
चलो आज मिल कर दीवाली मनाएं
चलो आज खुशियों के दीपक जलाएं।
जहां राम जैसा हो हर घर मे बालक
जहां कृष्ण जैसा हो कर्मों का चालक
वहीं गीत अल्हड़ कबीरा के गायें
चलो आज मिल कर दीवाली मनाएं
चलो आज खुशियों के दीपक जलाएं।
सकल सृष्टि में हो उजाला उजाला
हो पहने धरा फिर से दीपों की माला
हरें दम्भ रावण का और मुस्कुराएं
चलो आज मिल कर दीवाली मनाएं
चलो आज खुशियों के दीपक जलाएं।

Bahut Sundar rachna.
जवाब देंहटाएंउत्कृष्ट
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