मम अंतर्नाद

मम अंतर्नाद
मेरा एकल ग़ज़ल संग्रह

रविवार, 8 मार्च 2020

होली गीत


होली गीत

मैं तो श्याम रंग में रंग गई
दिदिया मैं तो जोगन बन गयी।

अम्मा मुझे पुकार रहीं है
सखियां बाँट निहार रही हैं
मेरी सब अपनों से ठन गयी

दिदिया मैं तो जोगन बन गयी।

सावन आया पर ना भाया
झूले बैठी मन मुरझाया
मैं तो विरहन बन कर तन गयी

दिदिया मैं तो जोगन बन गयी।

खुला किवाड़ा छोड़ रही हूँ
इक इक ग्यारह जोड़ रही हूँ
मैं तो उनकी माट में सन गयी

दिदिया मैं तो जोगन बन गयी।

नीला पीला लाल सुनहरा
भाए न मुझको अब रंग गहरा
पी से जबसे अकेले मिलन गयी

मैं तो श्याम रंग में रंग गई
दिदिया मैं तो जोगन बन गयी।


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

आपकी अनमोल प्रतिक्रियाएं