मम अंतर्नाद

मम अंतर्नाद
मेरा एकल ग़ज़ल संग्रह

शुक्रवार, 11 अक्टूबर 2019

गीत: माँ दुनिया में आ जाने दो




माँ दुनिया में आ जाने दो
मुझको दुनिया में आकर माँ
कुछ तो अच्छा कर जाने दो
माँ दुनिया में आ जाने दो।

मैं तेरे अंदर पनप रही
तेरे अंतस में झलक रही
मैं जान रही हूँ तुझे ज़रूरत मेरी
मुझे निभाने दो

माँ दुनिया में आ जाने दो।

दादी के तानों को ना सुन
ना सुन समाज की बातों को
मुझको आँचल में छिपा 
ढेर कर दे विकार की घातों को
मैं भी सपने बुन सकती हूँ
बस मुझे जन्म पा जाने दो

माँ दुनिया में आ जाने दो।

मैं तेरी सोन चिरैया हूँ
घर आँगन में मुस्काऊँगी
अधखिली कली हूँ अम्मा मैं
बन पुष्प जहाँ महकाऊंगी
आई तू मेरे लिए स्वयं को
जग भर से अब लड़ जाने दो

माँ दुनिया में आ जाने दो।

यदि आज नहीं तू बोल सकी
तो कल आँगन सूना होगा
अधखिली कली टूटी होगी
आँचल में खून भरा होगा
अम्मा तू दुर्गा बन कर स्वयं
शक्ति का भाव जगाने दो

माँ दुनिया में आ जाने दो।

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