मम अंतर्नाद

मम अंतर्नाद
मेरा एकल ग़ज़ल संग्रह

रविवार, 23 फ़रवरी 2020

होली गीत


लिपट गई राधे मोहन संग
हाँथ में अपने लेके रंग।

श्याम अकेले खड़े मगन है
मुरली से बस लाग लगन है
देख वियोगन सी गोपियन को
उद्धव मारे व्यंग
हाँथ में अपने लेके रंग।

राधा रानी खेलन आयी
संग गोपियों को भी लाई 
बोली अबकी करने आई
मोहन तुझको तंग
हाँथ में अपने लेकर रंग।

बोली गाल गुलाल मलूँगी
आज श्याम तोहे लाल करूंगी
पीसऊंगी तेरी खातिर में
नंदलाला फिर भंग
हाँथ में अपने लेके रंग।

केसरिया रंग में रंग मोहन
खेलें रास मगन संग जोगन
आज बिरज की हालत देख के
मैं भी रह गयी दंग
हाँथ में अपने लेके रंग।




कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

आपकी अनमोल प्रतिक्रियाएं