मम अंतर्नाद

मम अंतर्नाद
मेरा एकल ग़ज़ल संग्रह

शुक्रवार, 5 अगस्त 2022




जन्म लेने के लिए सबसे ज़रूरी ये है, 

खत्म पूरी तरह से पहले हुआ तो जाए... 

वो जो है ग़ैर का अपना भी बनेगा एक दिन

जिस्म की जगह मगर दिल को छुआ तो जाए


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